Surprise Me!

लगे है, तब है ; जब लगे नहीं है, तब भी है || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2014)

2019-11-24 3 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२३ मार्च २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />अष्टावक्र गीता (अध्याय १८ श्लोक ४)<br />भवोऽयं भावनामात्रो न किंचित् परमर्थतः।<br />नास्त्यभावः स्वभावनां भावाभावविभाविनाम्॥<br /><br />प्रसंग:<br />हमारा मन आसक्ति -अनासक्ति के बीच क्यों घूमता रहता है?<br />हमें संसार में सत्य क्यों नहीं मालूम पड़ता है?<br />अष्टावक्र क्यों कहते है की आंखे हो तो नकली में भी असली दिख जाता है?

Buy Now on CodeCanyon